रसखान

रसखान (जन्म:1548 ई) कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि थे। [1]उनका जन्म पिहानी, भारत में हुआ था। हिन्दी के कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन रीतिमुक्त कवियों में रसखान का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे विट्ठलनाथ के शिष्य थे एवं वल्लभ संप्रदाय के सदस्य थे। रसखान को ‘रस की खान’ कहा गया है। इनके काव्य में भक्ति, शृंगार रस दोनों प्रधानता से मिलते हैं। रसखान कृष्ण भक्त हैं और उनके सगुण और निर्गुण निराकार रूप दोनों के प्रति श्रद्धावनत […]

सर्वपल्लि राधाकृष्णन

डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन; (5 सितम्बर 1888 – 17 अप्रैल 1975) भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति (1952 — 1962) और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। उनका जन्मदिन (5 सितम्बर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप […]

महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा (२६ मार्च 1907 — 11 सितम्बर 1987) हिन्दी भाषा की कवयित्री थीं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों[क] में से एक मानी जाती हैं।[1] आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है।[2] कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है।[ख] महादेवी ने स्वतन्त्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का […]

हज़ारी प्रसाद द्विवेदी 

हज़ारी प्रसाद द्विवेदी  (19 अगस्त 1907 – 19 मई 1979)  हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। वे हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और बाङ्ला भाषाओं के विद्वान थे। भक्तिकालीन साहित्य का उन्हें अच्छा ज्ञान था। सन १९५७ में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म श्रावण शुक्ल एकादशी संवत् 1964 तदनुसार 19 अगस्त 1907 ई० को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के आरत दुबे का छपरा, ओझवलिया नामक गाँव में हुआ […]

महान कवि संत कबीर दास

ऐसा माना जाता है कि महान कवि, संत कबीर दास का जन्म ज्येष्ठ के महीने में पूर्णिमा के दिन 1440 में हुआ था। इसीलिए संत कबीर दास जयंती या जन्मदिन की सालगिरह हर साल उनके अनुयायियों और प्रियजनों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा जो मई और जून के महीने में […]

प्रश्न – पर्वेक्षण का क्या अर्थ है

पर्वेक्षण में विद्यालय की गतिविधियों का मूल्याङ्कन किया जाता है इसकी सहायता से अध्यापको की कार्यकुशलता को बढ़ाया जाता है पर्यवेक्षण द्वारा शिक्षण प्रक्रिया में सुधार लाया जाता है

व्याकरण

व्याकरण मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से नेविगेशन पर जाएँखोज पर जाएँ किसी भी “भाषा” के अंग-प्रत्यंग का विश्लेषण तथा विवेचन “व्याकरण” कहलाता है, जैसे कि शरीर के अंग प्रत्यंग का विश्लेषण तथा विवेचन “शरीरशास्त्र” और किसी देश प्रदेश आदि का वर्णन “भूगोल“। यानी व्याकरण किसी भाषा को अपने आदेश से नहीं चलाता घुमाता, प्रत्युत भाषा की […]

जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय

महान लेखक और कवि जयशंकर प्रसाद का जन्म – सन् 1889 ई. में हुआ तथा मृत्यु – सन् 1937 ई में हुई।बहुमुखी प्रतिभा के धनी जयशंकर प्रसाद का जन्म वाराणसी के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था| बचपन में ही पिता के निधन से पारिवारिक उत्तरदायित्व का बोझ इनके कधों पर आ गया। मात्र आठवीं […]

Biography Munshi Premchand जीवनी मुंशी प्रेमचंद

प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक थे । मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव, प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर बंगाल के विख्यात उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें […]

History GK – History GK In Hindi – History Questions

226. तैमूर लंग ने किसके शासनकाल में भारत पर आक्रमण किया ? 227. अमीर खुसरो ने किसके विकास में अग्रगामी की भूमिका निभाई ? 228. भारत में पोलो खेल का प्रचलन किया ? 229. निम्नलिखित में से किस संगीत वाद्य को हिन्दू-मुस्लिम गान वाद्यों का सबसे श्रेष्ठ मिश्रण माना गया है ? 230. कबीर के […]