विशिष्ट बालक सामान्य वालकों से अनेक क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न हो सकते हैं । अतः विशिष्ट बालकों को उनकी भिन्नता के क्षेत्र के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। सामान्य तौर पर विशिष्ट बालकों को निम्नांकित भागों में बाँटा जा सकता है |
1. बौद्धिक दृष्टि से विशिष्ट बालक
(Intellectually Exceptional Children)
A. प्रतिभाशाली बालक (Gifted Childeren)
B. मंद बुद्धि बालक (Mentally Retarded Children)
2.शैक्षिक दृष्टि से विशिष्ट बालक
(Educationally Exceptional Childredn)
A. तीव्र वालक (Accelerated Children)
B. पिछड़े बालक (Backward Children)
3. शारीरिक दृष्टि से विशिष्ट बालक
(Physically Exceptional Children)
A. बहरे बालक (Deaf Children)
B. कम सुनने वाले बालक (Hard of learing Children)
C. अन्धे बालक (Blind Children)
D. दृष्टिदोष से युक्त वालक (Partially Sighted Children)
E. वाणी दोष से युक्त बालक (Children with Speech Defects)
F. विकलांग बालक (Crippled Children)
4. समस्यात्मक बालक
(Problem Children)
A. सामाजिक कुसमायोजित बालक (Socially Malajusted Children) Children)
B. संवेगात्मक दृष्टि से बालक (Emotionally Distrubed Children)
यहाँ यह बात अच्छी तरह जान लेने की है कि विशिष्ट बालकों के उपरोक्त प्रकार एक दूसरे से पूर्ण रुपेण भिन्न नहीं होते हैं। कुछ बालक ऐसे भी हो सकते हैं जिनमें एक से अधिक क्षेत्रों में भिन्नतायें होती हैं। जैसे एक विकलांग बालक प्रतिभाशाली भी हो सकता है। विभिन्न प्रकार के विशिष्ट बालकों के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार की शिक्षा सवस्था करने की आवश्यकता पड़ती है। सभी प्रकार के विशिष्ट बालकों की चर्चा करना प्रस्तुत पुस्तक के विषय क्षेत्र से बाहर है। फिर भी, प्रस्तुत अध्याय में प्रतिभाशाली, मंद वृद्धि, पिछड़े तथा समस्यात्मक बालकों की शिक्षा के सम्बन्ध में चर्चा की जा रही है